मेघदूत में निनित प्रेम तत्व की प्रासंनिता

Authors

  • Kuldeep Singh

Keywords:

आिन्द,, समानि, ,स्वाभानवक, मिमोिक,

Abstract

स्थाि और समय की सीमा से बनििगमि करिे का एक पथ योि िैपरन्तु उसका नितीय पथ प्रेम के अन्तःकरण से भी निकलता िै। प्रेम की उदार नस्थनत योि एवं समानि से नमलती-जुलती िै। योि की िी भांनत देश और काल के क्षेत्र से बािर निकल कर अनतशय आिन्द की सीमा में समानवष्ट कर देिे की क्षमता िर-िारी के प्रेम में समानित िै।

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Published

30-09-2021

How to Cite

Singh, K. (2021). मेघदूत में निनित प्रेम तत्व की प्रासंनिता. International Journal for Research Publication and Seminar, 12(3), 100–105. Retrieved from https://jrps.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/148

Issue

Section

Original Research Article