समकालीन सामाजिक एवं राजनैतिक पृष्ठभूमि पर भारती जी के विचार : एक अध्ययन

Authors

  • रोहताश शोधकर्ता

Keywords:

परिवर्तनशील, स्वाभाविक, प्रारम्भ, समाजविकसित

Abstract

सामाजिक पृष्ठभूमि और भारती: वस्तुतः समाज से लेखक, लेखक से साहित्य और साहित्य में पुनः समाजविकसित होता है तथा मूल्यों का विकास समाज में ही होता है, क्योंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है इसीलिए मनुष्य की प्रतिभा का स्त्रोत और क्षेत्र समाज से ही प्रारम्भ होता है। सामाजिक संरचना एक निरंतर परिवर्तनशील प्रक्रिया है अतः यह स्वाभाविकहै कि कोई भी समाज स्थिर नहीं रह सकता है।

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Published

31-12-2016

How to Cite

रोहताश. (2016). समकालीन सामाजिक एवं राजनैतिक पृष्ठभूमि पर भारती जी के विचार : एक अध्ययन. International Journal for Research Publication and Seminar, 7(8), 125–129. Retrieved from https://jrps.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/981

Issue

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Original Research Article