हिन्दी: स्थिति एवं गत्रि

Authors

  • डाॅ. नीलम सहायक प्राध्यापक, हिन्दू कन्या महाविद्यालय, जीन्द।

Keywords:

संवैधानिक, राष्ट्रभाषा, अपेक्षाकृत

Abstract

हिन्दी शब्द का प्रयोग हम सामान्य एवं संवैधानिक अर्थ में क्रमशः राष्ट्रभाषा एवं राजभाषा के रूप में करते हैं वह शब्द भाषा के अर्थ में अपेक्षाकृत नया है। यद्यपि हिन्दी शब्द काफी पुराना है और हिन्द से बना है।

References

वैश्विकता के संदर्भ में हिन्दी: डाॅ॰ शैलजा पाटील, शुभम् पब्लिकेशन, 3ए/128, हंसपुरम, कानपुर - 208021

प्रयोजन मूलक (विविध संदर्भ) सम्पादक: बलजिंदर कौर रन्धावा कौशल पाण्डेय, अतुल प्रकाशन, 57-पी, कुंज विहार - प्प् (यशोदानगर) कानपुर - 208011

प्रयोजन मूलक हिन्दी: डाॅ॰ मुकेश अग्रवाल, के.एल. पचैरी प्रकाशन, 8/डी - ब्लाक एक्सटेंशन इन्द्रापुरी कलोनी, गाजियाबाद - 201102

प्रयोजन मूलक हिन्दी प्रक्रिया और स्वरूप: कैलाश चन्द्र भाटिया, टी॰ एस॰ बिष्ट, तक्षशिला प्रकाशन, 98-ए, हिन्दी पार्क, दरियागंज, नई दिल्ली - 110002

प्रयोजन मूलक हिन्दी: सिद्धांत और प्रयोग: दंगल झाल्टे, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली - 110002

प्रयोजन मूलक हिन्दी के विविध रूप: डाॅ॰ राजेन्द्र मिश्र, राकेश शर्मा, तक्षशिला प्रकाशन, 98-ए, हिन्दी पार्क, दरियागंज, नई दिल्ली - 110002

हिन्दी विविध आयाम: डाॅ॰ विजय राघव रेड्डी, डाॅ॰ शकुन्तला रेड्डी, अकादमिक प्रतिभा 42, एकता अपार्टमेंट, गीता कालोनी, दिल्ली - 110031

Downloads

Published

31-12-2015

How to Cite

डाॅ. नीलम. (2015). हिन्दी: स्थिति एवं गत्रि. International Journal for Research Publication and Seminar, 6(7), 1–7. Retrieved from https://jrps.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/686

Issue

Section

Original Research Article