भक्ति आन्दोलन में कबीर का योगदान
Keywords:
भक्ति आन्दोलन, प्रवृक्ति, सकारात्मक, प्रचार और प्रसार, सरलताAbstract
भक्ति आन्दोलन वह आन्दोलन है क्तजसमें भागवत धमम के प्रचार और प्रसार के पररणामस्वरूप भक्ति आन्दोलन का सूत्रपात हुआ। भक्ति आन्दोलन ने जन सामान्य को सम्मानपूवमक जीने का रास्ता ददखाया, आत्मगौरव का भाव जगाया और जीवन के प्रक्तत सकारात्मक आस्थापूणम दृक्तिकोण क्तवकक्तसत दकया। देश की अखण्डता और समस्त देशवाक्तसयों के कल्याण तथा मानव के समान अक्तधकारों को अक्तभव्यक्ति दी। संत मत के समस्त कक्तवयों में, कबीर सबसे अक्तधक प्रक्ततभाशाली एवं मौक्तलक माने जाते हैं। उन्होंने कक्तवताएूँ प्रक्ततज्ञा करके नहीं क्तलखी और न उन्हें पपगल और अलंकारों का ज्ञान था। लेदकन उन्होंने कक्तवताएूँ इतनी प्रबलता एवं उत्कृिता से कही है दक वे सरलता से महाकक्तव कहलाने के अक्तधकारी हैं। उनकी कक्तवताओं में संदेश देने की प्रवृक्ति प्रधान है। ये संदेश आने वाली पीदढयों के क्तलए प्रेरणा, पथ- प्रदशमण तथा संवेदना की भावना सक्तिक्तहत है। अलंकारों से सुसक्तित न होते हुए भी आपके संदेश काव्यमय हैं।
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