प्रशासनिक सुधार में सूचना तन्त्र की भूमिका

Authors

  • डा0 रचना दलाल विभाग लोक प्र‛ाासन राजीव गाॅधी महाविघालय उचाना।

Keywords:

अविकल्पनीय, राज्य, राष्ट्र के विकास, सामाजिक-आर्थिक, नीतियों

Abstract

आधुनिक समय में राष्ट्र एंव राज्य का प्रमुख कार्य सामाजिक विकास, लोककल्याण, राष्ट्रीय सुरक्षा तथा न्याय की स्थापना करना है। 17 वीं और 18 वी शताब्दी में ‘अहस्तक्षेपवादी राज्य’ की मांग की गई अर्थात् राज्य का कार्य केवल सीमा सुरक्षा करना तथा आन्तरिक व्यवस्था बनाए रखना है। परन्तु शीघ्र ही स्वीकार किया गया कि पशुजगत का यह सिद्वान्त (योग्यतम का जीवित रहना) मानव कल्याण नहीं कर सकता। इसी का परिणाम है कि राज्य किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए अविकल्पनीय संस्था मानी जाने लगी। राज्य के कार्यां, नीतियों तथा कानूनों के क्रियान्वयन के लिए प्रशासन तन्त्र कार्यरत है। तेजी से बदलती सामाजिक-आर्थिक सरचंनाओं तथा वै‛वीकरण के युग में ‘जड़ प्रशासन’ में सुधारों की आव‛यकता है। वर्तमान समय में इन प्रशासनिक सुधारों में सूचना तन्त्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

References

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Published

31-03-2016

How to Cite

डा0 रचना दलाल. (2016). प्रशासनिक सुधार में सूचना तन्त्र की भूमिका. International Journal for Research Publication and Seminar, 7(1). Retrieved from https://jrps.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/828

Issue

Section

Original Research Article