भारत में शिक्षा का प्रसार (1913-1966) : एक विवेचना

Authors

  • चेतन कुमार ग्राम एिं पो० प्रह्लादपुर , शिला मुज्जफरपुर , शिहार

Keywords:

शिक्षा, पिरशस्र्शतयों, पयाािरणों, औपचािरक, ्यकशतिय

Abstract

प्रसार शिक्षा में में दो शब्द है प्रसार और शिक्षा इन दोनों शिब्दों को उलट दिया िाए तो ये हो िाते हैं शिक्षा प्रसार शिक्षा का प्रसार अर्ाात् तत्पुरुष समास। इस प्रकट प्रसार शिक्षा उस प्रकर की शिक्षा हुई िो शिक्षा का प्रचार-प्रसार करतीं है। अगर इस पद को और अशिक शिश्लेष्ण करे तो यह स्पष्ट होता दक इसमें शिक्षा देने में शिक्षा-का-प्रचार प्रसार करता है ििदक सामान्यता शिक्षा ग्रहण करने की अशभलाषा रखने होता है और उस पिरशस्र्शत में रहना होता है शिस स्र्ान पर िह ्यकशतिय या संस्र्ा। शिस पिरशस्र्शत में शिक्षा उपलब्ि कराती है। इस प्रकार शिक्षा का यह भी अर्ा हुआ दक यह कोई संस्र्ागत शिक्षा नहीं है िरन यह औपचािरक शिक्षा है ििदक दूसरे प्रकार की शिक्षा औपचािरक शिक्षा होती है।

References

NA

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Published

30-09-2015

How to Cite

चेतन कुमार. (2015). भारत में शिक्षा का प्रसार (1913-1966) : एक विवेचना . International Journal for Research Publication and Seminar, 6(4). Retrieved from https://jrps.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/655

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Original Research Article