भारतीय संगीत का विस्तृत इततहास पर अध्ययन

Authors

  • Dr. Rajender Singh Lecturer (Music), Jat Sr. Sec. School

Keywords:

भारत, संगीत, समृद्ध, आध्यात्त्मकता, संस्कृतत

Abstract

भारत वर्ष सदैव अपनी संस्कृतत के लिए ववश्वववख्यात रहा है तथा भारतीय संस्कृतत की आधार नींव उसका संगीत है क्योंकक देश की किा उसका संगीत ही देश की संस्कृतत की आत्मा व पहचान होती है। भारत में संगीत वैददक काि से ही धमष के साथ सम्बद्ध ककया गया है, जैसे-जैसे मानव आध्यात्त्मकता की ओर बढा है संगीत किा की भी उन् नतत हुई है। वैददक काि से ही संगीत किा तथा संस्कृतत को संवर्धषत, सुरक्षित तथा प्रसाररत करने की परम्परा रही है त्जसके लिए वैददक काि से ही समाज में संगीत उत्सवों का आयोजन ववलभन् न नामों तथा स्वरूपों में ककया जाता रहा है। इन उत्सवों के माध्यम से ही हम उस युग की संगीत किा, उनकी ववधाओ, शैिी तथा किाकारों से पररर्चत हो पाते हैं।

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Published

31-12-2022

How to Cite

Dr. Rajender Singh. (2022). भारतीय संगीत का विस्तृत इततहास पर अध्ययन. International Journal for Research Publication and Seminar, 13(5), 79–86. Retrieved from https://jrps.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/248

Issue

Section

Original Research Article