जयनंदन का कथा संग्रह एवं सामाजजक परिवेश का चित्रण

Authors

  • कुमार
  • प्रकाश

Keywords:

चभतिघात

Abstract

हहन्दी कहानी साहहत्य में जयनंदन एक जाना-पहिाना नाम है। इनके अब तक बािह कहानी-संग्रह प्रकाचशत हो िुके हैं, जजनमें 175 के आसपास कहाचनयााँ संकचित हैं। ये कहाचनयााँ कहीं न कहीं देश की प्रचतष्ठित पत्र-पष्ठत्रकाओं में प्रकाचशत होकि प्रशंचसत हो िुकी हैं। इनके कहानी-संग्रह हैं ‘सन्नाटा भंग’, ‘ष्ठवश्व बाजाि का ऊंट’, ‘एक अकेिे गान्ही जी’, ‘कस्तूिी पहिानो वत्स’,‘दाि नहीं गिेगी अब’, ‘घि फूंक तमाशा’, ‘सूखते स्रोत’, ‘गुहाि’, ‘गांव की चससहकयां’, ‘चभतिघात’,‘सेिाज बैंड बाजा’ तथा ‘गोड़पोछना’। इसके साथ ही इनमें से िुनी हुई कहाचनयों के प्रचतचनचि संकिन - मेिी ष्ठप्रय कथायें’, ‘मेिी ष्ठप्रय कहाचनयां’, ‘संकचित कहाचनयां’, िुनी हुई कहाचनयां

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Published

31-03-2022

How to Cite

कुमार अ., & प्रकाश ज. (2022). जयनंदन का कथा संग्रह एवं सामाजजक परिवेश का चित्रण. International Journal for Research Publication and Seminar, 13(1), 206–211. Retrieved from https://jrps.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/231