क ुंभ का इतिहास और उसकी महत्ता का अध्ययन
Keywords:
क ुंभ, देििाAbstract
क ुंभ की उत्पवत्त बह ि प रानी है और उस काल के समय की है जब सम द्र मुंर्थन के दौरान अमरिा को प्रदान िाला कलस तनकला र्था। इस कलस के तलए राक्षसों और देििाओुं के बीच भयुंकर य द्व ह आ र्था। अमृि कलस को अस रों से बचाने के तलए जो देििाओुं से अतधक शविशाली र्थे उन देििाओुं की स रक्षा बृहस्पति, सूयय,चुंद्र और शतन को सौपीुं गई र्थी। चार देििा अस रों से अमृि कलस को बचाकर भागे और इसी दौरान अस रों ने देििाओुं का पीछा 12 ददन और रािों िक दकया। पीछा करने के दौरान देििाओुं ने कलस को हररद्वार,प्रयाग,उज्जैन और नातसक में रखा। इस पवित्र समारोह की स्मृति में ही हर 12 साल में इन 4 जगहों पर क ुंभ मनाया जािा है।
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