लोककथायों की विशेषताएँ

Authors

  • डा० राम मैहर सिंह हिंदी विभाग , छोट्टू राम किसान स्नातकोतर महाविद्यालय जींद

Keywords:

संयोग, स्वाभाविकता, रहस्य रोमांच, लोककथा, अश्लील श्रृंगार

Abstract

डा० कृषण देव ने  लोककथायों की विशेश्तायों को निम्नांकित आठ भागों में विभक्त किया है :-

प्रेम का अभिन्न पुट 

अश्लील श्रृंगार का आभाव 

मनुष्य की मूल परवर्तियों से निरंतर साहचर्य 

मंगल कामना की भावना 

संयोग में कथायों का अंत 

रहस्य रोमांच एवं अलोकिकता की परधानता 

उत्सुकता की भावना 

वर्णन की स्वाभाविकता 

References

राजस्थानी लोकगीत- पृष्ठ 1

जनपद (अंक 2 )- पृष्ठ 66

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Published

30-06-2016

How to Cite

डा० राम मैहर सिंह. (2016). लोककथायों की विशेषताएँ . International Journal for Research Publication and Seminar, 7(2). Retrieved from https://jrps.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1381

Issue

Section

Original Research Article