भारत में पंचायती राज, संवैधानिक प्रयास और निस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था

Authors

  • Ravinder Duhan

Keywords:

लोकतंत्र, प्रशासिक व्यवस्था, जिलाधिकारी, वास्तविकता, ग्रामीण स्तर

Abstract

भारत की 70 प्रतिशत से अधिक जसंख्या गांवों में रहती है। इसलिए ग्रामीण स्तर पर स्वशासन  का विशेष महत्व है। लोकतंत्र  की वास्तविकता तब है जब शासन  के सभी स्तरों पर जनता की भागीदारी सुनिश्चित  हो। भारत में अंग्रेजी उपनिवेशवाद के समय से ही स्थानीय शासन के महत्व को समझा जाने लगा था। प्रशासन  की इकाई जिला स्थापित की गई थी एवं इसकी प्रशासिक व्यवस्था जिलाधिकारी के अधीन  थी। 

References

१. http://www.vivacepanorama.com/local-self-government-in-india-panchayati-raj-institutions-pris/

२. http://hi.vikaspedia.in/social-welfare/

३. पंचायती राज व्यवस्था : आईने में अक्स देखने का वक्त

४. भारत में पंचायतीराज :सिद्धान्त एवं व्यवहार द्वारा धरमवीर

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Published

30-06-2017

How to Cite

Ravinder Duhan. (2017). भारत में पंचायती राज, संवैधानिक प्रयास और निस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था. International Journal for Research Publication and Seminar, 8(4). Retrieved from https://jrps.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1378

Issue

Section

Original Research Article