वर्तमान में नारी सशक्त होकर भी असहाय क्यों ?

Authors

  • सुनीता रानी एन. आई. आई. एम् . विश्वविद्यालय कैथल ( हरियाणा )

Keywords:

वैदिक साहित्य, भारतीय संस्कृति, सुंदरी, अबला, महिला

Abstract

वैदिक साहित्य , धर्मग्रंथों और भारतीय संस्कृति में स्त्री को पुरुष की अर्धांग्नी माना गया है |भारतीय साहित्य  में स्त्री के लिए नारी , वामा , सुंदरी , प्रमदा , ललना , अबला , माता , देवी , महिला आदि शब्दों का उल्लेख किया गया है | 

References

डा० निशान सिंह

डा० ए. एन. अग्निहोत्री

डा० राजकुमार

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Published

31-03-2017

How to Cite

सुनीता रानी. (2017). वर्तमान में नारी सशक्त होकर भी असहाय क्यों ?. International Journal for Research Publication and Seminar, 8(2). Retrieved from https://jrps.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1376

Issue

Section

Original Research Article